मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि ऋण प्रक्रियाओं और बीमा दावों के सरलीकरण पर ज़ोर देने के साथ ही बैंकों को ऋण जमा अनुपात बढ़ाने पर भी ध्यान देना चाहिए। वे शुक्रवार को यहाँ राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (एसएलबीसी) की बैठक को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का पूरा लाभ लोगों को मिले, इसके लिए विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत लाभार्थियों को ऋण प्रदान करने की प्रक्रिया को और सरल बनाया जाना चाहिए। धामी ने कहा कि जन समस्याओं का समाधान सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए और कृषि बीमा योजनाओं में बीमा दावों की प्रक्रियाओं के सरलीकरण पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के ऋण जमा अनुपात (सीडीआर) को बढ़ाने के लिए और प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य का सीडीआर 54 प्रतिशत से बढ़कर 54.26 प्रतिशत हो गया है और इसे 60 प्रतिशत तक ले जाने के प्रयास किए जाने चाहिए।राज्य के पर्वतीय जिलों, विशेषकर टिहरी, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग, अल्मोड़ा, पौड़ी और बागेश्वर जिलों में कम सीडीआर पर चिंता व्यक्त करते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि इन जिलों में सीडीआर बढ़ाने के प्रयास किए जाने चाहिए।
उन्होंने सुझाव दिया कि लोगों को एक ही दिन एक ही स्थान पर जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिले, इसके लिए अक्टूबर माह में सभी जिलों में मेगा कैंप आयोजित किए जाने चाहिए। धामी ने कहा कि इन कैंपों में सभी विभागों के अधिकारी और बैंकर्स एक साथ बैठकर जनता की समस्याओं का समाधान करें और यह सुनिश्चित करें कि उन्हें विभिन्न योजनाओं का लाभ मिले।
बैठक में बताया गया कि उत्तराखंड में प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के अंतर्गत प्रति एक लाख जनसंख्या पर 48,000 व्यक्तियों को बीमा कवरेज प्राप्त हुआ है, जो राष्ट्रीय औसत से अधिक है। यह भी बताया गया कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अंतर्गत राज्य में प्रति उधारकर्ता औसतन 93,900 रुपये की ऋण राशि वितरित की गई है, जो राष्ट्रीय औसत 62,686 रुपये से काफी अधिक है।प्रधानमंत्री जन-धन योजना के अंतर्गत राज्य में अब तक 39 लाख खाते खोले जा चुके हैं, जो देश के पर्वतीय राज्यों में सबसे अधिक है। अधिकारियों ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य में अग्रिमों में 10.26 प्रतिशत और जमाओं में 9.09 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। राज्य सरकार की वीर चंद्र सिंह गढ़वाली योजना और मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना को भी अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है।
बैठक में यह भी बताया गया कि राज्य के कुल 6,10,636 किसानों ने केसीसी सुविधा का लाभ उठाया है, जिनमें से 67 प्रतिशत लघु एवं सीमांत किसान हैं।
बैठक में मुख्य सचिव आनंद बर्धन, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव दिलीप जावलकर, नितेश कुमार झा, राधिका झा, श्रीधर बाबू अद्यंकी, भारतीय रिजर्व बैंक के क्षेत्रीय निदेशक अरविंद कुमार, एसबीआई के मुख्य महाप्रबंधक देवाशीष मिश्रा, अपर सचिव रंजना राजगुरु, हिमांशु खुराना और अन्य अधिकारी शामिल हुए।