हरिद्वार जिले के रानीपुर से भारतीय जनता पार्टी के विधायक आदेश चौहान और उनकी भतीजी को सोमवार को सीबीआई के विशेष मजिस्ट्रेट की अदालत ने हिरासत में पति पर हमला करने और झूठे साक्ष्य देने के मामले में छह-छह महीने की सजा सुनाई। अदालत ने एक व्यक्ति को अवैध हिरासत में लेने के लिए तीन पुलिसकर्मियों को भी एक-एक साल कैद की सजा सुनाई। मामले की कार्यवाही शुरू होने के बाद से ही एक पुलिसकर्मी की मृत्यु हो चुकी है। शाम को द पायनियर से बात करते हुए विधायक ने कहा कि उन्हें उसी दिन मामले में जमानत मिल गई थी और वे फैसले के खिलाफ अपील करने के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे।
चौहान की भतीजी दीपिका ने 2009 में अपने पति मनीष के खिलाफ गंगनहर थाने में दहेज उत्पीड़न का मामला दर्ज कराया था। आरोप है कि विधायक के राजनीतिक प्रभाव के चलते कुछ पुलिसकर्मियों ने आरोपी को अवैध हिरासत में लेकर उसकी पिटाई की थी। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपी थी और बाद में सीबीआई ने आरोप पत्र दाखिल किया था। सीबीआई की विशेष मजिस्ट्रेट अदालत ने सोमवार को हिरासत में मारपीट के लिए चौहान को छह महीने और झूठे साक्ष्य देने के लिए उसकी भतीजी को भी छह महीने की सजा सुनाई, जबकि पुलिसकर्मियों को एक-एक साल की सजा सुनाई गई।