उत्तराखंड सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए प्रमुख स्थानों पर स्थित लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के पांच निरीक्षण बंगलों और गेस्ट हाउसों को मौद्रीकरण करने का फैसला किया है। ये संपत्तियां रानीखेत, उत्तरकाशी, दुग्गलबिट्टा (रुद्रप्रयाग), हर्षिल और ऋषिकेश में स्थित हैं। बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस संबंध में फैसला लिया गया। सचिव शैलेश बगौली ने फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि पहले चरण में पीडब्ल्यूडी के पांच निरीक्षण बंगलों का मौद्रीकरण किया जाएगा। मंत्रिमंडल ने उत्तराखंड निवेश एवं अवसंरचना विकास बोर्ड (यूआईआईडीबी) द्वारा इन बंगलों के मौद्रीकरण के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इन बंगलों का स्वामित्व पीडब्ल्यूडी के पास ही रहेगा, जबकि यूआईआईडीबी लेनदेन सलाहकार की भूमिका निभाएगा। बगौली ने कहा कि मौद्रीकरण के फैसले से इन संपत्तियों के बेहतर रखरखाव, पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं और विभाग को अधिक राजस्व सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।

एक अन्य निर्णय में कैबिनेट ने राज्य में पैरा मेडिकल पाठ्यक्रमों की निगरानी और मानकीकरण के लिए उत्तराखंड राज्य सहबद्ध एवं स्वास्थ्य सेवा परिषद के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दी। बगौली ने बताया कि परिषद का गठन राष्ट्रीय सहबद्ध एवं स्वास्थ्य सेवा व्यवसाय आयोग अधिनियम-2021 के तहत किया गया है। कैबिनेट ने विदेशी शराब और बीयर पर उपकर के उपयोग के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग के मुख्यमंत्री महिला एवं बाल विकास बहुआयामी कोष निधि विनियमन को भी मंजूरी दी। राज्य सरकार राज्य में शराब और बीयर की प्रत्येक बोतल की बिक्री पर तीन रुपये का उपकर लगाती है। प्रत्येक बोतल की बिक्री पर एक रुपये की राशि खेलों के विकास, गौशालाओं के निर्माण और अनाथ बच्चों और निराश्रित एवं गरीब महिलाओं के कल्याण के लिए एकत्र की जाती है। विनियमन में उपकर राशि का उपयोग महिला एवं बाल विकास समितियों के माध्यम से करने का प्रावधान है। उत्तराखंड जैव विविधता बोर्ड के विभागीय ढांचे के पुनर्गठन के प्रस्ताव को भी बुधवार को कैबिनेट ने मंजूरी दी।कैबिनेट ने खान एवं भूविज्ञान विभाग में 18 नये पदों के सृजन के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी।