पुलिस ने उधम सिंह नगर जिले के रुद्रपुर में एक महिला को कथित तौर पर दुल्हन बनकर उत्तराखंड और पड़ोसी राज्य में पुरुषों से बड़ी रकम ठगने के आरोप में गिरफ्तार किया है। उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के कई जिलों में उसके खिलाफ कम से कम 15 एफआईआर दर्ज हैं। उधम सिंह नगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा ने बताया कि हिना रावत के रूप में पहचानी गई आरोपी ने झूठे पहचान का इस्तेमाल कर दूल्हों को फर्जी रिश्तों में फंसाया, भावनात्मक हेरफेर के जरिए पैसे ऐंठे और उन्हें कानूनी नतीजों की धमकी दी। उन्होंने बताया कि महिला के बयान के अनुसार, वह अपने नवीनतम लक्ष्य से 30 लाख रुपये वसूलने के बाद देश से भागने की योजना बना रही थी, तभी पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। 6 जून को रुद्रपुर निवासी दीपक कक्कड़ की शिकायत के बाद शनिवार की तड़के रुद्रपुर में उदय होटल के पास गिरफ्तारी हुई। कक्कड़ ने आरोप लगाया कि महिला ने खुद को अंकिता शर्मा के रूप में पेश किया, जिसने हाईकोर्ट की वकील होने का दावा किया और व्हाट्सएप के जरिए संपर्क स्थापित किया। समय के साथ, उसने कथित तौर पर उसे शादी करने के इरादे से मना लिया, पांच लाख रुपये लिए और शादी के बहाने उसके घर में रहने लगी। मिश्रा ने कहा कि घर में घुसते ही उसने कक्कड़ पर 30 लाख रुपये अतिरिक्त मांगने का दबाव बनाना शुरू कर दिया तथा धमकी दी कि या तो वह कक्कड़ की हत्या कर देगी या आत्महत्या कर लेगी तथा उसे और उसके परिवार को झूठे आपराधिक मामलों में फंसा देगी।
कक्कड़ ने पुलिस को बताया कि उसके इरादों पर शक होने पर उन्होंने जांच की और पाया कि उसकी असली पहचान हीना रावत है, जो उधम सिंह नगर जिले के काशीपुर थाने के अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत कुंडेश्वरी के खरमासा की रहने वाली बलवंत सिंह की बेटी है। मिश्रा ने कहा कि पुलिस ने महिला के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। इसके बाद पुलिस की एक टीम ने रावत को गिरफ्तार किया और उसके पास से 50,000 रुपये नकद और एक फर्जी आधार कार्ड बरामद किया। एसएसपी ने कहा कि पुलिस पूछताछ में पता चला है कि महिला का आपराधिक इतिहास है और उसके खिलाफ उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में 15 से अधिक एफआईआर दर्ज हैं। उसने पहचान से बचने के लिए अंकिता और निकिता जैसे कई उपनामों का इस्तेमाल किया और कई मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल किया। उसने विश्वास जीतने और अपने लक्ष्यों से पैसे ऐंठने के लिए खुद को व्यवसायी, ब्रांड एंबेसडर, ठेकेदार और वकील के रूप में पेश करना स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि रावत ने वैवाहिक साइटों और सोशल मीडिया के माध्यम से पुरुषों को निशाना बनाया, खुद को अकेली महिला बताया और बाद में झूठे बलात्कार या दहेज के मामलों की धमकी देकर उन्हें ब्लैकमेल किया। कई पीड़ित कथित तौर पर सामाजिक कलंक के डर से चुप रहे।
मिश्रा ने कहा कि जांच जारी है और पुलिस अन्य संभावित पीड़ितों और इसमें शामिल व्यक्तियों की पहचान करने के लिए काम कर रही है। मिश्रा ने लोगों से भी इस तरह के घोटालों से सावधान रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत पुलिस को सूचना देने का आग्रह किया।