HC ने बरी किए प्रेमी जोड़े के हत्यारोपी, 2014 में चकराता में हुई थी हत्या; जानें पूरा मामला

HC ने बरी किए प्रेमी जोड़े के हत्यारोपी, 2014 में चकराता में हुई थी हत्या; जानें पूरा मामला

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने चकराता बहुचर्चित प्रेमी जोड़े की हत्याकांड के मामले में अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद अभिलेखों में पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध नहीं होने के कारण सभी अभियुक्तों को बरी करने के आदेश दिए हैं।

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने देहरादून के चकराता में 2014 में हुई बहुचर्चित प्रेमी जोड़े की हत्या के मुख्य आरोपी राजू दास को निचली अदालत से मिली फांसी की सजा के मामले पर सुनवाई के बाद अभिलेखों में पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध नही होने के कारण सभी अभियुक्तों को बरी करने के आदेश दिए हैं। पिछले माह कोर्ट ने इस प्रकरण पर सुनवाई के बाद निर्णय सुरक्षित रख लिया था। निचली अदालत ने राजू दास को फांसी की सजा व उसके बाकी तीन साथी कुंदन दास, गुड्डू व बबलू को उम्रकैद की सजा सुनवाई थी।

न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार निचली अदालत ने राजू दास को फांसी की सजा व उसके बाकी तीन साथी कुंदन दास, गुड्डू व बबलू को उम्रकैद की सजा सुनवाई थी। इस आदेश को सभी अभियुक्तों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। यह आदेश अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ढकरानी मोहम्मद सुल्तान की अदालत ने दिल्ली से चकराता घूमने आए प्रेमी जोड़े से लूट, हत्या और साक्ष्य छुपाने के मामले पर 27 मार्च 2018 को आदेश पारित किया था। मामले के अनुसार अभिजीत पाल पुत्र अतुल पाल निवासी कोलकाता पश्चिम बंगाल हाल निवासी नई दिल्ली और मोमिता दास पुत्री मृणाल कृष्णादास निवासी लाडो सराय नई दिल्ली 22 अक्तूबर 2014 को दिवाली की छुट्टियों में देहरादून के चकराता आए थे। मगर इसके अगले ही दिन टाइगर फॉल घूमने के बाद दोनों लापता हो गए।

मोमिता के घरवालों ने 23 अक्तूबर 2014 को उसे फोन लगाया तो संपर्क नहीं हो पाया। इसके बाद उन्होंने नई दिल्ली के लाडो सराय थाने में मोमिता की गुमशुदगी दर्ज की। पुलिस जांच में मोमिता के फोन की आखिरी लोकेशन चकराता में मिली और ईएमआई नंबर के आधार पर उसके मोबाइल में राजूदास के नाम का सिम भी ट्रैस हो गया। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने विकासनगर और चकराता पुलिस को साथ लेकर राजूदास की तलाश शुरू की। पुलिस ने राजूदास को लाखामंडल, चकराता और टाइगर फॉल में तलाशा। पुलिस ने राजूदास को जीप के साथ गिरफ्तार किया। कड़ी पूछताछ करने पर राजूदास ने कबूला कि उसने गुड्डू, बबलू और कुंदनदास के साथ मिलकर उन्होंने प्रेमी जोड़े की हत्या की है। इसके बाद आरोपियों की निशानदेही पर मोमिता का फोन, पर्स व कपड़े पुलिस ने बरामद किए गए। शवों की खोजबीन के दौरान नौगांव से दो किमी दूर यमुना नदी किनारे से पुलिस को एक शव मिला।

परिजन जोयंता पाल ने इसकी शिनाख्त अभिजीत के रूप में की। ठीक इसके 21 दिन बाद ही मोमिता दास का भी सड़ा गला शव डामटा के पास यमुना किनारे बरामद हो गया। निचली अदालत ने राजू दास को फांसी की सजा और उसके तीन अन्य साथी कुंदन दास, गुड्डू व बबलू को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इस आदेश को अभियुक्तों ने उच्च न्यायलय में चुनोती दी थी।

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *