“पर्यटन पर संकट: मसूरी माल रोड और दून स्थल सुनसान”

“पर्यटन पर संकट: मसूरी माल रोड और दून स्थल सुनसान”

देहरादून और मसूरी, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और सुहावने मौसम के लिए प्रसिद्ध हैं, हाल ही में मानसून की तबाही का शिकार हुए हैं। मसूरी, जिसे ‘पहाड़ों की रानी’ कहा जाता है, और देहरादून के सहस्रधारा, मालदेवता, मैगी प्वाइंट और रॉबर्स केव जैसे पर्यटन स्थलों पर आपदा के बाद सन्नाटा पसरा है। सैलानियों की चहल-पहल गायब है, सड़कें मलबे से अटी पड़ी हैं, और स्थानीय व्यवसायों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।

आपदा का प्रभाव

सोमवार देर रात से मंगलवार सुबह तक हुई छह घंटे की मूसलाधार बारिश ने देहरादून और मसूरी में अभूतपूर्व तबाही मचाई। सड़कें, सेल्फी पॉइंट्स, और चौराहे, जो आमतौर पर पर्यटकों से गुलजार रहते थे, अब मलबे के ढेर में तब्दील हो गए हैं। मसूरी के मालरोड, कैंपटी फॉल, धनोल्टी, बुरांशखंडा, काणाताल, कंपनी गार्डन, भट्टाफॉल, गनहिल, मसूरी झील, और लालटिब्बा जैसे क्षेत्रों में सन्नाटा छाया हुआ है। देहरादून के सहस्रधारा, मालदेवता, और गुच्चुपानी जैसे स्थानों का भी यही हाल है।

पर्यटन उद्योग पर असर

  • होटल और गेस्ट हाउस: मसूरी में लगभग 350 होटल और गेस्ट हाउस पूरी तरह खाली पड़े हैं, जो सामान्य दिनों में 25,000 सैलानियों को ठहराने की क्षमता रखते हैं। धनोल्टी, काणाताल, और कैंपटी में 50 से अधिक होटल और गेस्ट हाउस भी प्रभावित हैं। मसूरी होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय अग्रवाल के अनुसार, आपदा के बाद सैलानियों ने अपनी बुकिंग रद्द कर दी हैं, और अगले 10 दिनों तक कोई नई बुकिंग नहीं है।
  • स्थानीय व्यवसाय: चाऊमीन, मोमो, मैगी, और भुट्टे जैसे छोटे स्टाल चलाने वाले कारोबारियों की कमाई ठप हो गई है। पर्यटकों की अनुपस्थिति ने इन व्यवसायों को गहरे संकट में डाल दिया है।
  • आर्थिक नुकसान: पर्यटन उद्योग, जो देहरादून और मसूरी की अर्थव्यवस्था का एक प्रमुख हिस्सा है, को भारी झटका लगा है। दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, और चंडीगढ़ से आने वाले सैलानी, जो वीकेंड पर इन स्थानों का रुख करते थे, अब यात्रा करने से कतरा रहे हैं।

वर्तमान स्थिति

आमतौर पर वीकेंड पर मसूरी और देहरादून के पर्यटन स्थल सैलानियों की भीड़ से भरे रहते हैं। लेकिन इस बार, आपदा ने इन स्थानों की रौनक छीन ली है। सड़कों पर मलबा, टूटी-फूटी संरचनाएं, और खामोशी ने इन पर्यटन स्थलों को उदास कर दिया है। मसूरी का सुहावना मौसम, जो सैलानियों को सुकून के पल बिताने के लिए आकर्षित करता था, अब केवल मलबे और तबाही की कहानी सुना रहा है।

निष्कर्ष

मानसून की इस तबाही ने न केवल देहरादून और मसूरी के पर्यटन स्थलों की खूबसूरती को प्रभावित किया है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी गहरी चोट पहुंचाई है। होटल, रेस्तरां, और छोटे कारोबारियों के सामने अनिश्चितता का दौर है। शीघ्र पुनर्वास और पुनर्निर्माण के प्रयासों की आवश्यकता है ताकि इन पर्यटन स्थलों की रौनक फिर से लौट सके।

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