उत्तराखंड राज्य महिला आयोग (यूएससीडब्ल्यू) की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने कहा कि अंकिता भंडारी हत्याकांड में हाल ही में आया फैसला दूसरों के लिए एक उदाहरण बनेगा और उन्हें ऐसे अपराध करने से रोकेगा। उन्होंने ये टिप्पणियां अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश रीना नेगी के फैसले के जवाब में कीं, जिन्होंने तीनों व्यक्तियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कंडवाल ने फैसले की सराहना की। उन्होंने याद किया कि जब मामला शुरू में प्रकाश में आया था, तो भंडारी के परिवार के सदस्य सहायता मांगने के लिए आयोग गए थे। जवाब में, आयोग ने अधिकारियों को उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। इसके अलावा, उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मामले को फास्ट-ट्रैक कोर्ट में पेश करके तेजी लाने का आग्रह किया था।
कंडवाल ने इस मामले में राज्य सरकार की सहायक भूमिका की सराहना की। भंडारी की मां द्वारा उच्च न्यायालय जाने की योजना के बारे में कंडवाल ने कहा कि यदि वे फैसले से संतुष्ट नहीं हैं, तो उन्हें आगे कानूनी रास्ता अपनाने का अधिकार है। उन्होंने परिवार के नुकसान को स्वीकार किया और इस बात पर जोर दिया कि मामले को आगे बढ़ाने का निर्णय उनके हाथ में है।