उत्तराखंड में स्वयंसेवकों ने 23,565 रोगियों को टीबी से उबरने में मदद की

उत्तराखंड में स्वयंसेवकों ने 23,565 रोगियों को टीबी से उबरने में मदद की

राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत 11,321 निक्षय मित्रों की मदद से राज्य के कुल 23,565 क्षय रोगी इस बीमारी से मुक्त हो चुके हैं। स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य सरकार राज्य से टीबी को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए युद्ध स्तर पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में सामुदायिक सहयोग से टीबी उन्मूलन के लिए ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में अभियान चलाए गए हैं। उन्होंने बताया कि अभियान के तहत अब तक राज्य में 11,321 स्वयंसेवकों (निक्षय मित्रों) ने 24,359 टीबी रोगियों को गोद लिया है और इनमें से 23,565 रोगी दिसंबर 2024 तक बीमारी से पूरी तरह ठीक हो गए हैं। उन्होंने कहा कि अल्मोड़ा में 701, बागेश्वर में 353, चमोली में 602, चंपावत में 345, देहरादून में 4834, हरिद्वार में 6,248, नैनीताल में 2,577, पौड़ी में 1,001, पिथौरागढ़ में 571, रुद्रप्रयाग में 427, टिहरी में 724, ऊधमसिंह नगर में 4,450 और उत्तरकाशी जिले में 732 रोगी बीमारी से ठीक हो चुके हैं।

रावत ने कहा कि केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत उत्तराखंड में वर्ष 2024 तक 28,000 टीबी रोगियों को चिन्हित करने का लक्ष्य दिया था। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने 29,319 टीबी रोगियों को चिन्हित किया, जो लक्ष्य से अधिक है। मंत्री ने कहा कि सामुदायिक सहभागिता और विभाग के प्रयासों से राज्य ने कार्यक्रम में 90 प्रतिशत सफलता हासिल की है। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम के तहत 28,523 टीबी रोगियों की एड्स और 28,076 रोगियों की मधुमेह की जांच की गई। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में टीबी के उपचार और जांच की सुविधाएं उपलब्ध हैं। मंत्री ने आगे बताया कि भारत सरकार ने वर्ष 2023 में 1424 ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त ग्राम पंचायत के रूप में प्रमाणित किया है, जबकि वर्ष 2024 में 2077 ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त प्रमाणित किया गया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में राज्य में टीबी उन्मूलन के लिए 100 दिवसीय विशेष अभियान चल रहा है।

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *